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कुलदेवी श्री भवाल माता जी मंदिर

अमलीपारा खैरागढ़ मे श्री भवाल माता जी की परछा है ! प्रत्येक सुद नवमी को दरबार लगता है !
मातारानी का चमत्कार यहाँ सहज दिखाई देता है !भव्य शिखरबद्ध मंदिर माताजी की अद्वितीय प्रतिमा ,जैन जैनेत्तर सभी का आस्था केंद्र है -
कुलदेवी श्री भुवाल माता का यह दरबार

(अ). प्रत्येक सुद नवमी(शुक्ल पक्ष 9)को दरबार में कुलदेवी माताजी की परचा होती है !प्रत्येक सुद नवमी को सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं का आगमन होता है ,इस दिन प्रसादी की व्यवस्था रहती है !
(ब). प्रत्येक वर्ष दिनांक 25 अप्रेल को प्रतिष्ठा सालगिरह उत्सव(पाटोत्सव)मनाया जाता है! विशिष्ट भक्ति,जप-तप,हवन यज्ञ के साथ ध्वजारोहण का मांगलिक कार्यक्रम वर्ष में एक बार वृहद रूप से 25 अप्रेल को मनाया जाता है!

मातुश्री स्व. कंचनदेवी की शुभाशीष
पिताश्री रूपचंद छाजेड़ की भक्ति एवं अटूट समर्पण
ममता जीजी की निः स्वार्थ भक्ति - सरल श्रद्धा के साथ मंदिर का प्रबंधन देखरेख खूबचंद छाजेड़,रणजीत छाजेड़ द्वारा किया जा रहा है!
बालभक्त कु.तनिषा,भव्यांश,कु.छवि प्रतिदिन मातारानी की सेवा पूजा में समर्पित है !
खैरागढ़ में एशिया का एक मात्र संगीत विश्वविद्यालय है,यह स्थल प्रसिद्ध है! खैरागढ़ आने के लिए मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग से राजनांदगांव या दुर्ग जंक्शन में उतरना होगा !

राजनांदगाँव रेलवे स्टेशन से खैरागढ़ की दूरी 40 कि.मी एवं दुर्ग रेल्वे स्टेशन से खैरागढ़ की दूरी 55 कि॰मी है! दिन भर बसे चलती है ! हवाई मार्ग निकटम रायपुर एयरपोर्ट है!

मंदिर से 40 कि॰मी की दूरी पर श्री उवसाग्गहरं पार्श्व तीर्थ नागपुरा स्थित है !